• Services
  • Request an Appointment
Call to Appointment (+91) 7060055562
Spandan Heart Clinic
×
  • Home
  • About Us
  • Services
  • Pathology
  • Book an Appointment
  • Blog
  • Contact

Yoga Exercises For A Healthy Heart

Yoga Exercises For A Healthy Heart
September 6, 2021goyalUncategorized

स्वस्थ दिल के लिए योगासन (Yoga Exercises For A Healthy Heart)

1. ताड़ासन (Tadasana / Mountain Pose) 

Yoga Asanas for a Healthy Heart© Instagram / sonejiyoga

ताड़ासन को ज्यादातर योग सेशन की शुरुआत में किया जाता है। ये स्ट्रेचिंग और शरीर को योग के लिए तैयार करने वाला बेहतरीन योगासन है। भले ही इस आसन को वॉर्मअप के लिए किया जाता हो, लेकिन इस आसन को करने के हेल्थ से जुड़े कई फायदे भी हैं। ये आपकी एब्स को सही टोन में भी ला सकता है।

योग विज्ञानी मानते हैं कि ताड़ासन सभी आसनों का मूल आसन है। ये आसन न सिर्फ मांसपेशियों पर काम करता है बल्कि पोश्चर सुधारने में भी मदद करता है। ये आसन शरीर में दर्द को दूर करता है। ये आसन सीने की मांसपेशियों में खिंचाव लाकर हार्ट पेशेंट की रक्त संचार प्रणाली को बेहतर बनाता है। ये आसन दिल की बीमारियों को होने से भी रोक सकता है।

ताड़ासन करने की विधि :

  1. सीधे खड़े हो जाएं, और दोनों टांगों के बीच हल्की दूरी बना लें।
  2. जबकि दोनों हाथ भी शरीर से थोड़ी दूर बने रहें। 
  3. जांघों की मांसपेशियों को मजबूत करें। कंधे ढीले छोड़ दें। 
  4. पीठ सीधी रहे। पैरों के पंजों के बल खड़े होने की कोशिश करें।
  5. पेट के निचले हिस्से पर बिल्कुल भी दबाव न दें। सामने की ओर देखें।
  6. धीरे से अपनी जांघों पर अंदर की तरफ दबाव बनाएं। 
  7. कमर ​पर खिंचाव देते हुए ऊपर उठने की कोशिश करें। 
  8. सांस भीतर लें और कंधे, भुजाओं और सीने को ऊपर की तरफ खिंचाव दें।
  9. शरीर का दबाव पैरों के पंजों पर ही रहेगा। 
  10. सिर से लेकर पैर तक शरीर में खिंचाव महसूस कीजिए।
  11. कुछ सेकेंड तक इसी स्थिति में रहें। 
  12. इसके बाद सांस छोड़ते हुए सामान्य हो जाएं।

2. वृक्षासन (Vrikshasana / Tree Pose)

Yoga Asanas for a Healthy Heart© Instagram / livinlavidafoxy

वृक्षासन संस्कृत भाषा का शब्द है। इसका शाब्दिक अर्थ होता है, वृक्ष यानी कि पेड़ जैसा आसन। इस आसन में योगी का शरीर पेड़ की स्थिति बनाता है और वैसी ही गंभीरता और विशालता को खुद में समाने की कोशिश करता है।

वृक्षासन ऐसा योगासन है जो आपके शरीर में स्थिरता, संतुलन और सहनशक्ति लाने में मदद करता है। हर टांग पर कम से कम 5 बार ये आसन करना चाहिए। वृक्षासन हठयोग का शुरुआती लेवल का आसन है। 

वृक्षासन के नियमित अभ्यास से 

  • टखने
  • जांघें
  • पिंडली
  • पसलियां 

मजबूत हो जाती हैं। जबकि 

  • ग्रोइन
  • जांघें
  • कंधे
  • छाती 

को अच्छा स्ट्रेच मिलता है।

वृक्षासन के नियमित अभ्यास को हार्ट पेशेंट के लिए भी बेहतर बताया गया है। ये आसन सीने की मांसपेशियों को माइल्ड या हल्का स्ट्रेच देता है। इसी वजह से डॉक्टर्स भी इस योगासन को नियमित रूप से करने की सलाह देते हैं।

वृक्षासन करने की विधि : 

  1. योग मैट पर सावधान की मुद्रा में सीधे खड़े हो जाएं। 
  2. दोनों हाथ को जांघों के पास ले आएं। 
  3. धीरे-धीरे दाएं घुटने को मोड़ते हुए उसे बायीं जांघ पर रखें। 
  4. बाएं पैर को इस दौरान मजबूती से जमीन पर जमाए रखें। 
  5. बाएं पैर को एकदम सीधा रखें और सांसों की गति को सामान्य करें।
  6. धीरे से सांस खींचते हुए दोनों हाथों को ऊपर की तरफ उठाएं।
  7. दोनों हाथों को ऊपर ले जाकर ‘नमस्कार’ की मुद्रा बनाएं। 
  8. दूर रखी किसी वस्तु पर नजर गड़ाए रखें और संतुलन बनाए रखें। 
  9. रीढ़ की हड्डी को सीधा रखें। शरीर मजबूत के साथ ही लचीला भी रहेगा। 
  10. गहरी सांसें भीतर की ओर खींचते रहें।
  11. सांसें छोड़ते हुए शरीर को ढीला छोड़ दें। 
  12. धीरे-धीरे हाथों को नीचे की तरफ लेकर आएं। 
  13. अब दायीं टांग को भी जमीन पर लगाएं। 
  14. वैसे ही खड़े हो जाएं जैसे आप आसन से पहले खड़े थे। 
  15. इसी प्रक्रिया को अब बाएं पैर के साथ भी दोहराएं। 

3. त्रिकोणासन (Trikonasana / Triangle Pose)

Yoga Asanas for a Healthy Heart© Shutterstock

त्रिकोणासन योग विज्ञान का महत्वपूर्ण आसन है। त्रिकोणासन संस्कृत भाषा से लिया गया शब्द है। इसका हिंदी में अर्थ है, तीन कोण वाला आसन। इस आसन को करने के दौरान शरीर की मसल्स तीन अलग कोणों में स्ट्रेच हो जाती हैं। इसी वजह से इस आसन को त्रिकोणासन कहा जाता है।

त्रिकोणासन का निर्माण योग वैज्ञानिकों ने इसी सोच के साथ किया है। ये आसन शरीर को तीन अलग कोणों से एक साथ स्ट्रेचिंग देता है और पूरी शरीर के सामान्य फंक्शन को बेहतर ढंग से चलाने में मदद करता है। 

इस आसन को करने की अवधि 30 सेकेंड बताई गई है। दोहराते हुए इसे हर रोज 3-5 बार एक पैर के साथ किया जा सकता है। त्रिकोणासन के निरंतर अभ्यास से टखने, जांघें और घुटने मजबूत हो जाते हैं। इससे टखने, ग्रोइन, जांघ, कंधे, घुटने, हिप्स, पिडलियों, हैमस्ट्रिंग, थोरैक्स और पसलियों पर खिंचाव पड़ता है। 

ये आसन स्ट्रेस, टेंशन और डिप्रेशन को भी कम कर सकता है। ये सभी मानसिक समस्याएं ही दिल की बीमारियों का प्रमुख कारण मानी जाती हैं। अगर ये समस्याएं कम हो सकें तो निश्चित रूप से ये आसन दिल की बीमारियों के प्रमुख कारण को समाप्त कर सकता है।

त्रिकोणासन करने की विधि :

  1. योग मैट पर सीधे खड़े हो जाएं। 
  2. दोनों पैरों के बीच में 3.5 से लेकर 4 फीट तक गैप कर लें। 
  3. दाहिना पैर 90 डिग्री पर बाहर की ओर हो और बाएं पैर को 15 डिग्री पर रखे। 
  4. अपनी दाहिने एड़ी के केंद्र बिंदु को बाएं पैर के आर्च के केंद्र की सीध में रखें। 
  5. ध्यान रहे कि आपका पैर जमीन को दबा रहा हो। 
  6. शरीर का वजन दोनों पैरों पर एकसमान रूप से पड़ रहा हो। 
  7. गहरी सांस लें और धीरे-धीरे छोड़ते जाएं। 
  8. सांस छोड़ते हुए शरीर को हिप्स के नीचे से दाहिनी तरफ मोड़ें। 
  9. शरीर को मोड़ते समय कमर एकदम सीधी रहेगी। 
  10. बाएं हाथ को ऊपर उठाएं और दाहिने हाथ से जमीन को स्पर्श करें। 
  11. दोनों हाथ मिलकर एक सीधी लाइन बनाएंगे। 
  12. दाहिने हाथ को पिंडली, टखने या जमीन पर टिके दाहिने पैर पर रखें। 
  13. हाथ चाहें जहां रहे, लेकिन कमर की साइड नहीं बिगड़नी चाहिए। 
  14. बायां हाथ कंधे के ऊपर छत की तरफ खिंचा रहेगा।
  15. सिर को सामान्य स्थिति में बनाए रखें या फिर बायीं तरफ मोड़कर रखें। 
  16. आदर्श स्थिति में आपकी दृष्टि बायीं हथेली पर जमी रहेगी। 
  17. शरीर बगल की तरफ झुका रहे, न तो आगे और न ही पीछे की ओर। 
  18. आपका सीना और पेल्विस चौड़ा और खुला रहना चाहिए। 
  19. जितना हो सके स्ट्रेच करें और शरीर को स्थिर बनाए रखने पर फोकस करें। 
  20. लंबी और गहरी सांसें लेते रहें। 
  21. सांस छोड़ने के साथ ही शरीर को ज्यादा रिलेक्स महसूस करें। 
  22. गहरी सांस भीतर खींचते हुए शरीर को ढीला छोड़ दें। 
  23. हाथों को साइड्स में ​गिराएं और पैरों को सीधा करें। 
  24. अब इसी प्रक्रिया को बाएं पैर के साथ भी दोहराएं।

4. वीरभद्रासन (Virabhadrasana / Warrior Pose)

Yoga Asanas for a Healthy Heart© Instagram / ayushi_goyal_96

योग विज्ञान में वीरभद्रासन को योद्धाओं का आसन कहा जाता है। इस आसन को पावर योग (Power Yoga) का आधार माना जाता है। वीरभद्रासन को बिगिनर लेवल का आसन माना जाता है।

वीरभद्रासन (Virabhadrasana) को अंग्रेजी भाषा में इसे वॉरियर पोज (Warrior Pose) भी कहा जाता है। इसे योद्धाओं का आसन भी कहते हैं। वीरभद्रासन का अभ्यास करने की सलाह उन लोगों को दी जाती है, जो अपने शरीर में बल और स्फूर्ति पाना चाहते हैं।

वीरभद्रासन शरीर में कार्डियोवेस्क्युलर बीमारियों को दूर करने में भी मदद करता है। ये नसों में ब्लॉकेज होने की समस्या को भी प्रभावी तरीके से दूर कर सकता है। ये पूरे शरीर में रक्त संचार को बढ़ाकर हार्ट की बीमारियों के खतरे को काफी हद तक कम कर सकता है।

वीरभद्रासन के अभ्यास से 

  • एड़ी
  • जांघें
  • कंधे
  • पिंडली
  • हाथ
  • पीठ 

आदि मजबूत होते हैं।

जबकि, वीरभद्रासन के अभ्यास से

  • टखना
  • नाभि
  • ग्रोइन
  • जांघें
  • कंधे
  • फेफड़े
  • पिंडली
  • गले की मांसपेशियां
  • गर्दन 

पर खिंचाव आता है।

वीरभद्रासन करने की विधि :

  1. योगा मैट बिछाकर उस पर सीधे खड़े हो जाएं।
  2. अब ताड़ासन की मुद्रा में आ जाएं। 
  3. दोनों पैरों के बीच 3 से 3.5 फीट का अंतर करें। 
  4. दोनों हाथों को ऊपर की ओर उठाते हुए जमीन के समानांतर ले आएं। 
  5. दोनों हाथों की हथेलियों को सिर के ऊपर ले जाकर आपस में जोड़ लें। 
  6. दाएं पैर के पंजे को 90 डिग्री के कोण पर घुमाएं। 
  7. इसके बाद, बाएं पैर के पंजे को 45 डिग्री पर घुमाएं। पैरों को स्थिर रखें। 
  8. ऊपर के धड़ को दाएं पैर की तरफ घुमाएं।
  9. अब तक मुंह भी 90 डिग्री के कोण पर घूम चुका होगा। 
  10. दाएं पैर के घुटने को मोड़ते हुए 90 डिग्री का कोण बनाएं। 
  11. दाईं जांघ को फर्श के समानांतर ले आ​एं। बायां पैर एकदम सीधा रहेगा। 
  12. सिर को पीछे की ओर झुकाएं और ऊपर की तरफ देखें।
  13. इस स्थिति में 30 से 60 सेकंड तक बने रहें।
  14. अब पुरानी स्थिति में वापस आ जाएं। 
  15. ये सारी प्रक्रिया अब दूसरे पैर से भी करेंगे।

5. उत्कटासन (Utakatasana / Chair Pose)

Yoga Asanas for a Healthy Heart© Instagram / theastangastudio

उत्कटासन, साधारण स्तर की कठिनाई वाला ​विन्यास शैली का आसन है। इसे करने की अवधि 30-60 सेकेंड की बताई गई है। इस आसन को करने से कंधे और पसलियों (Thorax) में स्ट्रेच आता है। जबकि ये जांघों, पसलियों के कॉलम (Vertebral Column), एडियों और पिंडलियों को मजबूत बनाने में मदद करता है।

पसलियों पर पड़ने वाले दबाव के कारण ही पूरे धड़ में रक्त संचार बढ़ जाता है। इस बढ़े हुए रक्त संचार के कारण ही सीने में ब्लॉकेज होने की संभावना भी कम हो जाती है। इस आसन को करने में आपको काफी कैलोरी बर्न करनी पड़ती है, यही कारण है कि ये पूरे शरीर के लिए कंप्लीट व्यायाम है।

जब आप उत्कटासन की मुद्रा में बैठने के लिए स्क्वॉट्स करते हैं और वक्त के साथ और नीचे तक बैठने लगते हैं। तब शरीर को खड़े होने के लिए गुरुत्वाकर्षण बल का विरोध करना पड़ता है। उत्कटासन के अभ्यास से धीरे-धीरे आपके क्वाड्रीसेप्स मजबूत होने लगते हैं। क्योंकि बिना मजबूत क्वाड्रीसेप्स के आप खड़े ही नहीं हो सकेंगे।  

उत्कटासन करने की विधि :

  1. योग मैट पर सीधे खड़े हो जाएं और दोनों पैरों को फैलाकर खड़े हो जाएं।
  2. दोनों हाथों को आगे की तरफ फैलाएं। हथेली नीचे की तरफ रहेगी। 
  3. हाथ सीधे रहें और कुहनियां मुड़ी हुई न हों। 
  4. घुटनों को धीरे-धीरे मोड़ें और पेल्विस को नीचे की तरफ ले जाएं।
  5. इतना झुकें, जैसे आप किसी काल्पनिक कुर्सी पर बैठे हुए हों। 
  6. इतना आराम से बैठें जैसे आप कुर्सी पर बैठकर अखबार पढ़ रहे हों। 
  7. इस दौरान हाथ एकदम सीधे रहेंगे। 
  8. रीढ़ की हड्डी पूरी लंबाई में सीधी होनी चाहिए। 
  9. दिमाग को शांत रखें, लंबी सांसें लें। मुस्कुराहट बनाए रखें। 
  10. इस स्थिति में एक मिनट तक बने रहें। 
  11. धीरे-धीरे नीचे बैठें और सुखासन में बैठ जाएं।

6. मार्जर्यासन (Marjaryasana / Cat Pose)

Yoga Asanas for a Healthy Heart© Shutterstock

मार्जर्यासन या मार्जरी आसन आगे की ओर झुकने और पीछे मुड़ने वाला योग आसन है, जिससे रीढ़ की हड्डी पर खिंचाव पड़ता है। यह खिंचाव आपकी रीढ़ की हड्डी को अधिक लचीला बनने में मदद करता है। इसके अलावा यह आसन रीढ़ की हड्डी को फैलाने और मजबूत करने में भी मदद करता है।

मार्जरी आसन करने के लिए आपको अपनी नाभि को अंदर की ओर खींचना पड़ता है, जो कि लंबे समय में आपके पेट से अनावश्यक वसा को कम करने में मदद करता है। इससे आपके पेट की चर्बी कम हो जाएगी। यह आसन धीरे-धीरे लेकिन निश्चित रूप से पेट को टोन करने में मदद करता है।

ये आसन उन लोगों को करने की सलाह दी जाती है जिन्हें मोटापे के कारण दिल की बीमारियों का खतरा है। इस आसन के नियमित अभ्यास से धीमी गति से ही सही लेकिन छाती और पेट के आसपास के फैट में कमी आने लगती है।

मार्जयासन करने की विधि :

  1. फर्श पर एक योगा मैट को बिछा कर अपने दोनों घुटनों को टेक कर बैठ जाएं।
  2. इस आसन को करने के लिए आप वज्रासन की मुद्रा में भी बैठ सकते हैं।
  3. अब अपने दोनों हाथों को फर्श पर आगे की ओर रखें।
  4. दोनों हाथों पर थोड़ा सा भार डालते हुए अपने हिप्स (कूल्हों) को ऊपर उठायें।
  5. जांघों को ऊपर की ओर सीधा करके पैर के घुटनों पर 90 डिग्री का कोण बनाए।
  6. आपकी छाती फर्श के समान्तर होगी और आप एक बिल्ली के समान दिखाई देगें।
  7. अब आप एक लंबी सांस लें और अपने सिर को पीछे की ओर झुकाएं।
  8. अपनी नाभि को नीचे से ऊपर की तरफ धकेलें।
  9. इसी के साथ टेलबोन (रीढ़ की हड्डी का निचला भाग) को ऊपर उठाएं। 
  10. अब अपनी सांस को बाहर छोड़ते हुए अपने सिर को नीचे की ओर झुकाएं।
  11. मुंह की ठुड्डी को अपनी छाती से लगाने का प्रयास करें।
  12. इस स्थिति में अपने घुटनों के बीच की दूरी को देखें।
  13. ध्यान रखें की इस मुद्रा में आपके हाथ झुकने नहीं चाहिए।
  14. अपनी सांस को लम्बी और गहरी रखें। 
  15. अपने सिर को पीछे की ओर करें और इस प्रक्रिया को दोहराहएं।
  16. इस क्रिया को आप 10-20 बार दोहराएं।

7. अधोमुख श्वानासन (Downward Dog Pose / Adho Mukha Svanasana)

Yoga Asanas for a Healthy Heart© Instagram / mmbuxeda

योग विज्ञान ने अधोमुख श्वानासन को कुत्ते या श्वान से सीखा है। कुत्ते अक्सर इसी मुद्रा में शरीर की थकान मिटाने के लिए स्ट्रेचिंग करते हैं। यकीन मानिए, शरीर में स्ट्रेचिंग के लिए बताए गए सर्वश्रेष्ठ आसनों में से एक है।

अधोमुख श्वानासन में बनने वाली शरीर की स्थिति को अगर ठीक उल्टा किया जाए तो नौकासन बन जाता है। हम सभी जानते हैं कि नौकासन (Navasana) शरीर में पेट की निचली मांसपेशियों को मजबूत करने के साथ ही रीढ़ को भी सहारा देता है।

ये योगाभ्यास करने वालों को भी वैसे ही लाभ मिलते हैं। ये इन मांसपेशियों को मजबूत बनाने और खिंचाव पैदा करने में मदद करता है। इसके अभ्यास से कुछ ही दिनों में पेट पर जमे एक्स्ट्रा फैट को भी कम किया जा सकता है। ये आसन हार्ट पेशेंट को करने की सलाह डॉक्टर्स भी देते हैं लेकिन जिन्हें पेसमेकर आदि लगा हो, उन्हें बिना डॉक्टर की सलाह के इस आसन को नहीं करना चाहिए।

अधोमुख श्वानासन करने की विधि :

  1. योग मैट पर पेट के बल लेट जाएं। 
  2. इसके बाद सांस खींचते हुए पैरों और हाथों के बल शरीर को उठाएं।
  3. अब शरीर टेबल जैसी आकृति में आ जाएगा। 
  4. सांस को बाहर निकालते हुए धीरे-धीरे हिप्स को ऊपर की तरफ उठाएं। 
  5. कुहनियों और घुटनों को सख्त बनाए रखें। 
  6. ये तय करें कि शरीर उल्टे ‘V’ के आकार में आ जाए। 
  7. इस आसन के अभ्यास के दौरान कंधे और हाथ एक सीध में रहें।
  8. पैर हिप्स की सीध में रहेंगे और टखने बाहर की तरफ रहेंगे। 
  9. हाथों को नीचे जमीन की तरफ दबाएं।
  10. गर्दन को लंबा खींचने की कोशिश करें।
  11. कान, हाथों के भीतरी हिस्से को छूते रहें।
  12. निगाह को नाभि पर केंद्रित करने की कोशिश करें। 
  13. इसी स्थिति में कुछ सेकेंड्स तक रुके रहें।
  14. उसके बाद घुटने जमीन पर टिका दें।
  15. मेज जैसी स्थिति में​ फिर से वापस आ जाएं। 

Add Comment Cancel


Recent Posts

  • दिल की सेहत कैसे जांचें?
  • Heart Disease: You need to know everything
  • हृदय रोग: आपको जानने के लिए सब कुछ
  • गर्मियों में अपने दिल को स्वस्थ कैसे रखें: महत्वपूर्ण टिप्स और तरीके
  • भारत में मधुमेह और हृदय विफलता को कम करने के लिए दवा: एक व्यापक अवलोकन

Ever wondered what a Health Coach does?

Visit our Health Coach Demo!

Tag Cloud

Article Diabetes Diet Fitness Health Medical Sugar Tips

Calendar

May 2025
M T W T F S S
 1234
567891011
12131415161718
19202122232425
262728293031  
« Apr    

Spandan Heart Clinic Providing Complete & best possible treatment of Heart-related diseases like Chest Pain due to Angina, Heart Attack (Myocardial Infraction), Hypertension (High Blood Pressure), Cardiomyopathy, Congenital Heart Diseases (Holes in Heart).

(+91) 706 0055562, (+91) 8791693554

info@drmukeshgoyal.com

http://drmukeshgoyal.com

29, MIG, Shaheed Nagar, Near Chanakya Hotel, Tajganj, Agra, Uttar Pradesh 282001

Please follow & like us :)

Facebook
Twitter
Instagram

Latest News

  • दिल की सेहत कैसे जांचें? Apr 22

    आज की तेज़ रफ्तार ज़िंदगी में दिल की सेहत का...

  • Heart Disease: You need to know everything Nov 25

    हृदय रोग: आपको जानने के लिए सब कुछ परिचय हृदय...

  • हृदय रोग: आपको जानने के लिए सब कुछ Aug 3

    हृदय रोग: आपको जानने के लिए सब कुछ परिचय हृदय...

Copyright Dr. Mukesh Goyal©2020 all rights reserved
Designed by 360 Digital Business
  • ←
  • Contact Us
    Contact Form

  • Instagram
  • Facebook